इंडियन्स पर US ने लुटाया प्यार, लगातार दूसरे साल झोली भर-भरकर दिए वीजा, बना रिकॉर्ड

Indian Students in US: अमेरिका ने लगातार दूसरे साल भारतीयों को दस लाख से ज़्यादा नॉन इमीग्रेशन वीजा जारी किए, जिसमें रिकॉर्ड संख्या में विजिटर वीजा भी शामिल हैं. देश में अमेरिकी मिशन की एक रिलीज के मुताबिक, भारत 2024 में इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को भे

4 1 6
Read Time5 Minute, 17 Second

Indian Students in US: अमेरिका ने लगातार दूसरे साल भारतीयों को दस लाख से ज़्यादा नॉन इमीग्रेशन वीजा जारी किए, जिसमें रिकॉर्ड संख्या में विजिटर वीजा भी शामिल हैं. देश में अमेरिकी मिशन की एक रिलीज के मुताबिक, भारत 2024 में इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को भेजने वाला सबसे बड़ा देश भी बन गया है - 2008 - 2009 एकेडमिक ईयर के बाद पहली बार - जिसमें 331,000 से ज़्यादा स्टूडेंट्स एनरोल्ड हैं.

इसके अलावा, भारत ने लगातार दो सालों तक इंटरनेशनल अंडर ग्रेजुएट स्टूडेंट्स के सबसे बड़े योगदानकर्ता के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखी, जिसमें 19 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यह संख्या लगभग 200,000 हो गई.

हो गई 26 फीसदी की बढ़ोतरी

भारत में इस मिशन ने टूरिज्म, बिजनेस और एजुकेशन के लिए अमेरिका जाने के लिए भारतीयों की भारी डिमांड को अंडरलाइन किया, जिसमें बताया गया कि पिछले चार साल में भारत से आने वाले लोगों की संख्या में पांच गुना बढ़ोतरी हुई है, और 2024 के पहले ग्यारह महीनों में दो मिलियन से ज़्यादा भारतीयों ने अमेरिका की यात्रा की, जो 2023 की इसी अवधि की तुलना में 26 प्रतिशत की बढ़ोतरी है.

भारत में अमेरिकी दूतावास द्वारा जारी बयान के अनुसार, पांच मिलियन से ज्यादा भारतीयों के पास पहले से ही अमेरिका जाने के लिए नॉन इमीग्रेशन वीजा है तथा हर दिन मिशन हजारों और वीजा जारी कर रहा है.

एच-1बी वीजा का डोमेस्टिक रिनुअल

विदेश विभाग ने इस साल संयुक्त राज्य अमेरिका के भीतर एच-1बी वीजा रिनुअल के लिए एक पायलट प्रोग्राम को भी सफलतापूर्वक लागू किया, जिससे कई भारतीय खास ऑक्युपेशन वर्कर्स को फायदा हुआ, जो देश से बाहर गए बिना अपने वीजा को रिनुअल कर सकते थे. हजारों लोगों के लिए प्रक्रिया को सरल बनाने में पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद, विभाग का लक्ष्य 2025 में इस डोमेस्टिक रिनुअल प्रोग्राम को औपचारिक रूप से स्थापित करना है.

इस साल देश के वर्कफोर्स में बढ़ी इनकी भागीदारी, 2.8 करोड़ ने किया अप्लाई, यहां है ज्यादा डिमांड

इमीग्रेशन वीजा प्रोसेस का असर

भारत में अमेरिकी मिशन ने कई इमीग्रेशन वीजा प्रोसेस किए, जिससे कानूनी पारिवारिक पुनर्मिलन और प्रोफेशनल माइग्रेशन संभव हुआ. आगमन पर, इन वीजा प्राप्तकर्ताओं को स्थायी निवास का दर्जा प्राप्त हुआ, जिससे अमेरिका में पर्याप्त भारतीय प्रवासी समुदाय समृद्ध हुआ.

भारत में 24,000 से ज्यादा अमेरिकी नागरिकों को अमेरिकी मिशन से पासपोर्ट और कांसुलर सहायता मिली. बयान के मुताबिक, 2024 में, स्मार्ट ट्रैवलर एनरोलमेंट प्रोग्राम (STEP) का एक एन्हांस्ड वर्जन लॉन्च किया गया, जिससे अमेरिकी नागरिकों को आपातकालीन कम्युनिकेशन और सिक्योरिटी अलर्ट डिस्ट्रिब्यूशन में सुधार हुआ.

Indian Railway Station: समुद्र तल से इतना ऊंचा है स्टेशन, क्यों लिखी होती है यह जानकारी? जानिए वजह

इनमें हुई शानदार बढ़ोतरी

इंटरव्यू वेवर एलिजिबल नॉन इमीग्रेशन वीजा आवेदनों की प्रक्रिया में शानदार बढ़ोतरी हुई, जिससे भारतीयों के लिए वीजा रिनुअल आसान हो गया. ऑपरेशनल इंप्रूवमेंट और ग्लोबल रिसोर्सेज यूटिलाइजेशन के माध्यम से, मिशन ने पर्सनल इंटरव्यू के लिए अपनी क्षमता बढ़ाई, जिसके परिणामस्वरूप वेटिंग कम हो गई.

एक्सचेंज विजिटर स्किल्स लिस्ट से भारत को हटाने से कई एक्सचेंज विजिटर के लिए दो साल होम रेजिडेंस की जरूरत खत्म हो गई है, जिससे करियर एडवांसमेंट और एजुकेशन के लिए बेहतर अवसर मिले हैं. यह बदलाव भारतीय J-1 नॉन इमीग्रेशन वीजा धारकों को ज्यादा फ्लैक्सिबिलिटी प्रदान करता है.

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

उत्तर प्रदेश: सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले में ED ने परीक्षा कराने वाली कंपनी मालिकों से भी शुरू की पूछताछ

News Flash 28 दिसंबर 2024

उत्तर प्रदेश: सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले में ED ने परीक्षा कराने वाली कंपनी मालिकों से भी शुरू की पूछताछ

Subscribe US Now